नहीं रहे 'सोने के खजाने' का पता बताने वाले शोभन सरकार
शोभन सरकार!
नाम तो आपने सुना ही होगा अगर भूल गए हों तो मैं याद दिला दूँ कि शोभन सरकार वही है, जिन्होंने बताया था कि सपने में उन्हें पता चला कि उत्तरप्रदेश में एक स्थान पर सोने का अथाह खजाना गड़ा हुआ है। उत्तरप्रदेश सरकार ने शोभन सरकार की बात मानकर वहाँ खुदाई भी करा दी थी। ऐसे में, खजाना तो कहाँ मिलना था ? पर, इस प्रकरण से पूरे भारत में तत्कालीन उत्तरप्रदेश सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। मैंने, अपनी बहुचर्चित पुस्तक 'क़िस्सागोई रंगीला हरियाणा' में शोभन सरकार के इस दावे से मिलता-जुलता एक क़िस्सा लिखा था।
आज, मैं इंटरनेट पर कुछ सर्च कर रहा था तभी मेरी नजर पड़ी कि शोभन सरकार नहीं रहे। मतलब आज यानि 13 मई 2020 को शोभन सरकार की मौत हो गई।
मेरी पुस्तक 'क़िस्सागोई' रंगीला हरियाणा' से सिर्फ आपके लिए पेश है यह रंगीला किस्सा :-
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रंग नंबर 14 रस्सी का जुगाड़!
किस्सा थोड़ा लंबा जरूर है पर है मजेदार। अगर इस क़िस्से का सही मजा लेना है तो पहले आपको यह छोटी सी खबर पढ़नी पड़ेगी।
खबर ये है
18 अक्टूबर 2013 को लखनऊ से सटे उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा गांव में एक हजार टन सोना होने के दावे के चलते भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) ने खुदाई शुरू कर दी । 19वीं शताब्दी के राजा राव रामबख्श सिंह के किले में एक हजार टन सोना होने का दावा शोभन सरकार नामक एक साधु ने किया था। खुदाई से पहले साधु शोभन सरकार ने तड़के तीन बजे से ही पूजा अर्चना शुरू कर दी थी उसके बाद करीब 11 बजे एएसआई की टीम ने खुदाई का काम शुरू किया। इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी और डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील कुमार यादव ने साधु शोभन सरकार से चालीस मिनट बंद कमरे में बातचीत की थी।
सुनील यादव के अनुसार साधु ने उन्हें कानपुर, बिठूर, फतेहपुर में भी खजाना होने की सूचना दी है। खुदाई स्थल पर बढ़ती भीड़ के चलते प्रशासन को पीएसी तैनात करनी पड़ी। मीडिया का भी भारी जमावड़ा जुटा। शोभन सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री चरण दास महंत से खजाने के संबंध में जिक्र किया था। इसके बाद भारतीय भूगर्भ विभाग ने मौके का निरीक्षण किया और एएसआई से खुदाई करवाने की सिफारिश की थी।
क़िस्से में इस खबर को लिखने का मकसद यह है कि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में जब तांत्रिकों बहकावे में जब पूरी प्रदेश सरकार और एक केंद्रीय महकमा भी आ
जाए तो आम आदमी के बहकने की तो बिसात ही क्या है?
अखबारों और न्यूज चैनलों के जरिये डौंडिया खेड़ा की यह कलंकित घटना पूरे देश में चर्चित हो गई। इस घटना के तुरंत बाद हरियाणा में भी इस तरह के तांत्रिक सक्रिय हो गए। जो दावा करने लगे कि हमें भी धरती में दबे खजाने का पता है।
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इससे वहां उपस्थित लोगों को विश्वास हो गया कि इन तांत्रिकों में कुछ ना कुछ दम तो जरूर है। तांत्रिकों ने कहा खजाना तो हम बता देंगे लेकिन उसके लिए हमें एक लाख रुपये नकद चाहियें। लालच बुरी बला है खजाना पाने की लालसा में उनको एक लाख रुपये दे दिए गए। पैसे मिलने पर तांत्रिकों ने एक खेत को चिन्हित किया और कहा कि सोने का खजाना इसी खेत में दबा है।
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(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक, लेखक, समीक्षक और ब्लॉगर हैं)
Hilarious !
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