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अब भारतीय सेनाओं में भी होंगे कांट्रेक्ट के फौजी!

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Chanakya Mantra July 2022 Edition भारत में नई आर्थिक नीतियों के मद्देनजर निजी क्षेत्रों में स्थाई प्रकृति के कार्यों में 3 वर्षीय कांट्रेक्ट का जो दौर शुरू हुआ है, वह अब सरकारी क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में लेता जा रहा है और अब इसमें सेना का नाम भी जुड़ने जा रहा है। 1599 में ईस्ट इंडिया कंपनी की पहरेदारी से शुरु हुई और इस समय विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सेना इन दिनों खासी चर्चा में है। चर्चा का कारण है इसमें अग्निवीरों की प्रस्तावित भर्ती, जिसका पूरे देश के युवा भारी विरोध कर रहे हैं। दरअसल आधुनिक भारतीय फौज की संरचना में पहली बार आमूल चूल परिवर्तन 1858 में हुआ था। उसके बाद इसकी भर्ती प्रक्रिया में यह दूसरा बड़ा परिवर्तन है। भारतीय सेना में 1858 में जो भारी परिवर्तन किया गया था वह उस समय फौज में भर्ती तत्कालीन भारतीय सैनिकों द्वारा 1857 के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लेने के दण्ड के रूप में किया गया था। 1858 में ईस्ट इंडिया कंपनी की यूरोपीय सेना को क्राउन सैनिकों में मिला दिया गया लेकिन भविष्य में सम्भावित किसी और विद्रोह की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सेना को सबस

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