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कोरोना की दूसरी लहर में जो आपको जानना जरूरी है

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भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का कहर जारी है। मार्च 2021 से पहले वाली लहर इतनी जानलेवा नहीं थी जितनी अब है। हाल-फिलहाल में मैंने कोरोना पर कुछ खास नहीं लिखा है जबकि अप्रैल से जून 2020 तक मैंने कोरोना पर 'कोविड-19@2020', 'अजब कोविड-19 के गजब किस्से' और 'COVID-19 DON'T COME AGAIN' नामक तीन पुस्तकें लिखकर विश्वप्रसिद्ध ई कॉमर्स कंपनी 'अमेजन' पर पाठकों के लिए उपलब्ध करवा दी थीं (अब भी आप इन्हें ईबुक के रूप में प्राप्त कर सकते हैं)। जहाँ इनमें 'अजब कोविड-19 के गजब किस्से' में कोविड से जुड़े मनोरंजक किस्से हैं वहीं 'कोविड-19@2020' और 'COVID-19 DON'T COME AGAIN' में इस महामारी के रूप में वैज्ञानिक रूप से विस्तृत जानकारी दी गई है। मेरे अनेक परिजन, रिश्तेदार, दोस्त और परिचित बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि मैं इस बार भी इस महामारी की दूसरी जानलेवा लहर पर भी कुछ लिखूँ। कुछ कह रहे हैं कि लिखो ये कोई बीमारी-विमारी नहीं है, ये जनता को डराने का ढकोसला है। कुछ बड़े आत्मविश्वास से कह रहे हैं कि ये डब्लूएचओ का षड़यंत्र है, कुछ कह रहे हैं कि ये

‘COVID-19 Don't Come Again’ is released

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Gurugram, 9 June.  Senior journalist, author and political analyst Amit Nehra has written a book in English on the worldwide #epidemic caused by the coronavirus, named 'COVID-19 Don't Come Again' . This book is published by ABS Trust . Amit Nehra is well known for his unique and exciting story-telling style. He had explored different aspects of this pandemic with ease. The reader will get to know not only about the present situation with authentic data but can update their knowledge and understanding through various chapters on zoonotic to new vocabulary, political supremacy to bioweapons, from India to the USA, from suspicions to certainty, imposing lockdown to enforcing strict quarantine measures, social distancing to finding new ways of lifestyle, China to WHO, One Health Concept etc. The topics are discussed in detail. In fact, the COVID-19 epidemic is so dangerous and uncertain that there is neither a vaccine nor medicine about it, so the opinion of experts

कोरोना संकट में हिंदी पत्रकारिता की भूमिका

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30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस था। एनसीआर मीडिया क्लब ने इस मौके पर जो आयोजन किया, उसकी हर अखबार ने कवरेज की।  इसके लिए सभी साथियों का तहेदिल से धन्यवाद। कोरोना संकट में हिंदी पत्रकारिता की भूमिका अहम : अमित नेहरा *एनसीआर मीडिया क्लब ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके शनिवार को मनाया हिंदी पत्रकारिता दिवस  * उन मीडियाकर्मियों को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई, जो कोरोना संकट में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए विदा हो गये गुरुग्राम, 30 मई : कोविड-19 महामारी के चलते आने वाले समय में देशवासियों को सही और सटीक सूचनाएं हिंदी के जरिए आसानी से दी जा सकती हैं क्योंकि पूरे भारत में इसे बोला और समझा जाता है। एनसीआर मीडिया क्लब के प्रेसिडेंट अमित नेहरा ने यह बात हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कही। एनसीआर मीडिया क्लब ने कोरोना की वैश्विक महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके शनिवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया। इस अवसर पर क्लब के अनेक पदाधिकारियों और सदस्यों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विचार व्यक्त किए। इस मौके पर क्लब ने कोरोना महामारी संकटकाल में हि

COVID-19 पर एक माह में दूसरी पुस्तक तैयार, तीसरी की तैयारी

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Press Release:- (18th May 2020) -वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक अमित नेहरा द्वारा लिखित अजब कोविड-19 के गजब किस्से नामक पुस्तक।   -#COVID19 पर एक माह में दूसरी पुस्तक तैयार, तीसरी की तैयारी -वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने कोरोना पर लिखी है यह पुस्तक -अंग्रेजी में भी शीघ्र ही कोविड-19 डोंट कम अगेन नाम से आने वाली है तीसरी पुस्तक गुरुग्राम। विश्वव्यापी कोरोना वायरस की महामारी पर वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक अमित नेहरा ने अजब कोविड-19 के गजब किस्से नामक पुस्तक लिखी है। लांच होने के शुभ अवसर पर इस ई-बुक को विश्व विख्यात ई-कॉमर्स कम्पनी अमेजन से आगामी 21 मई तक बिल्कुल फ्री खरीदा जा सकता है। Bharat Saarthi  अमित नेहरा इसी महामारी पर पिछले महीने ही कोविड-19-2020 नामक एक अन्य पुस्तक भी लिख चुके हैं।  एबीएस ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित अजब कोविड-19 के गजब किस्से नामक यह पुस्तक अंतरर्राष्ट्रीय महामारी कोविड-19 के कहर के दौरान घटित हुए रोचक और रोमांचक असली किस्सों पर आधारित है। अमित नेहरा द्वारा अपनी एक विशेष शैली में लिखे गए ये किस्से मन को गुदगुदाते तो हैं ही

रक्षक की रक्षा अभियान

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एनसीआर मीडिया क्लब ने तायल फाउंडेशन के साथ मिलकर गुरुग्राम में मंगलवार को रक्षक की रक्षा अभियान के तहत मीडियाकर्मियों को कोरोना वायरस से बचाव की किटों का वितरण किया। इसके तहत प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मियों को फेस शील्ड और गॉगल्स दिए गए। एनसीआर मीडिया क्लब के अध्यक्ष अमित नेहरा, गुरुग्राम के मीडियाकर्मियों  को  कोरोना किटों का वितरण करते हुए इस अवसर पर एनसीआर मीडिया क्लब के अध्यक्ष अमित नेहरा ने कहा कि कोविड-19 की महामारी की कवरेज के दौरान मीडियाकर्मी भी हाई रिस्क पर हैं। अतः उनको संक्रमण से बचाना क्लब का नैतिक फर्ज है। हिसार के तायल फाउंडेशन ने भी इस बात को समझा और एनसीआर मीडिया क्लब के साथ मिलकर इस प्रोग्राम का आनन-फानन में आयोजन किया।    ये भी पढ़ें-  'सोने के खजाने' का पता बताने वाले शोभन सरकार   ये भी पढ़ें- COVID19 पर एक माह में दूसरी पुस्तक तैयार, तीसरी की तैयारी अमित नेहरा ने बताया कि इस मौके पर मौजूद सभी मीडियाकर्मियों को कोरोना से बचाव की किटें दी गई हैं और जो मीडियाकर्मी समयाभाव के कारण इनसे वंचित रह गए हैं क्लब उनके लिए भी जल्द ही
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एक बड़ा सबक भी है कोविड-19 वर्ष 1994 की बात है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एमएससी ( मास कम्युनिकेशन ) पाठ्यक्रम शुरू हुआ ही था। क्योंकि पूरे हरियाणा में पत्रकारिता में स्नातकोत्तर स्तर का यह अकेला पाठ्यक्रम था अतः इसमें एडमिशन के लिए खूब मारामारी हुई। इसके लिए प्रवेश परीक्षा निर्धारित की गई। मैंने भी इसमें अप्लाई कर दिया था। पढ़ाई में फिसड्डी होने के बावजूद चयन सूची में मेरा नाम सातवें नंबर पर आ गया। यह पता लगने पर , मैं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में स्थित एडमिशन फीस के लिए निर्धारित बैंक में फीस जमा कराकर वापस घर आ गया। इस दौरान मुझसे एक बड़ी चूक हो गई। मैंने बैंक में फीस जमा करवाने के बाद उसकी रसीद विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग में जाकर जमा नहीं करवाई। उस समय एडमिशन और फीस ऑनलाइन नहीं थे। इसके चलते मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट को इसकी सूचना नहीं मिली। अतः मेरी जगह किसी और का एडमिशन कर दिया गया। एडमिशन्स का दौर पूरा होन

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