विश्व भर के क्रांतिकारियों के आइकन हैं चे ग्वेरा
This is the title of the web page Right Click is disabled for the complete web page. (जन्मदिन 14 जून पर विशेष) चे ग्वेरा भगतसिंह और चे ग्वेरा में समानताएं मोटरसाइकिल की यात्रा ने कैसे बदल दी चे ग्वेरा की जिंदगी चे ग्वेरा ने भारत आकर नेहरू से क्या बात की चे ग्वेरा को क्यों छोड़ना पड़ा क्यूबा अविभाजित भारत के पाकिस्तान के लायलपुर ज़िले (अब फैसलाबाद) और अर्जेंटीना के रोज़ारियो कस्बे में दूरी 16,000 किलोमीटर से भी ज्यादा है। दोनों स्थानों के समय में भी 8 घण्टे का फर्क है और जहाँ लायलपुर उत्तरी गोलार्ध में है वहीं रोज़ारियो इसके विपरीत दक्षिण गोलार्ध में है। न दोनों की भाषा मिलती है न रहन-सहन और न ही इनकी संस्कृति में कोई तालमेल है। फिर भी दोनों स्थानों में एक बड़ी समानता है। वह समानता है इन दोनों स्थानों पर ऐसी विभूतियों का जन्म हुआ है जो लगभग 100 साल बीत जाने के बाद आज भी गरीबी, आर्थिक विषमता, एकाधिकार, पूंजीवाद, उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ आवाज उठाने वालों के अधिनायक बने हुए हैं। क्रांतिकारियों के लिए ये दोनों व्यक्तित्व हीरो हैं। भगत सिंह