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क्या है भाजपा के मिशन 2024 की रणनीति

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राहुल गांधी समेत कांग्रेस के 119 नेताओं ने 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की औपचारिक शुरुआत की, यह पदयात्रा कन्याकुमारी से 3570 किलोमीटर को दूरी तय करके कश्मीर तक जाएगी। यात्रा कुल 150 दिनों यानी पांच महीनों में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। राहुल गांधी की इस यात्रा को बिखरने के कगार पर पहुँच चुकी कांग्रेस में प्राण फूँकने की कवायद कहा जा रहा है। उधर, राहुल गांधी की इस भारत जोड़ो यात्रा अभियान से भाजपा भी बेख़बर नहीं थी। कहने को तो भाजपा नेता बेशक यह कहते रहें कि इस यात्रा से उन पर या उनकी पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला लेकिन कड़ियों को सिलसिलेवार जोड़ा जाए तो पता चलता है कि भाजपा राहुल गांधी के इस 'इवेंट' को बेहद सीरियसली ले रही है। यही वजह है कि भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने से ठीक एक ही दिन पहले यानी 6 सितंबर 2022 को नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में भाजपा की एक अहम बैठक हुई। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ देश की उन 144 लोकसभा

क्या भाजपा का दक्षिण अभियान नया इतिहास रचेगा?

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ChankayaMantra July 2022 Edtion  भारत के स्कूलों में देश के मध्यकालीन इतिहास के अंत और आधुनिक इतिहास की शुरुआत में  महान मुगल वंश के पतन के बारे में पढ़ाया जाता है। मुगल वंश के पतन के मुख्य कारणों में एक कारण यह भी है कि औरंगजेब ने अपने दक्षिण के सैन्य अभियानों पर व्यापक मात्रा में धन और जन को नष्ट किया साथ ही दक्षिणी सैन्य अभियानों में व्यस्तता के कारण वह उत्तर भारत की ओर ध्यान नहीं दे सका, जो कालांतर में मुगल साम्राज्य के पतन का कारण बना। अब पिछले आठ साल से देश की सत्ता में लगातार मजबूती से सत्तासीन भाजपा ने भी हैदराबाद अधिवेशन से अपने मिशन दक्षिण को परवान चढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। देखना दिलचस्प रहेगा कि दक्षिण भारत भाजपा के लिए मुगल साम्राज्य की तरह चुनौती साबित होगा या नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा यहाँ भी अपनी विजय पताका फहराने में सफल हो पायेगा। यह जानना भी दिलचस्प है कि मुगलों की दक्षिण नीति औरंगज़ेब के शासन के दौरान इसकी सफलता की पूर्णता तक पहुँच गई लेकिन यह सफलता अस्थायी  थी। औरंगजेब अपनी सफलता को मजबूत करने में असफल रहा। औरंगजेब

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