क्या स्थिर सरकार मिल पायेगी गोवा को ?
मुठ्ठी भर लोगों की मुठ्ठी में है सत्ता की चाबी Februay Edition of Chankaya Mantra "हम गोवा में पिछले 20-25 वर्षों से रह रहे हैं अतः हमने सोचा कि दो-तीन महीने के अंतराल में सभी मिलकर गेट टुगेदर किया करेंगे। ऐसी तीन-चार मीटिंग हुईं जिनमें हर बार लगभग 200-250 लोगों ने हिस्सा लिया। हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना ही था कि सब मिलकर पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सिर्फ इतने से लोगों की इन मीटिंग्स का गोवा के राजनैतिक गलियारों में ऐसा प्रभाव पड़ा कि हर राजनीतिक दल ने हमसे संपर्क साधना शुरू कर दिया और वे हमें अब काफी गम्भीरता से ले रहे हैं।" यह कहना है हरियाणा मूल के उन लोगों का जो व्यापार या नौकरी करने के लिए पिछले कुछ समय से गोवा में बस चुके हैं। अब वे वहीं के स्थाई निवासी हैं। हरियाणा से इस तरह के 3-4 हजार लोग गोवा में स्थाई रूप से बस गए हैं। जब इन मुठ्ठी भर लोगों से ही गोवा की राजनीति में असर पड़ सकता है तो हम चाणक्य मंत्र के पाठकों को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि गोवा के राजनीतिक हालात थोड़े से ही मतदाताओं से कैसे प्रभावित होते हैं। लेख में य