करोड़ों साल पुराने हर पत्थर के नीचे छिपे हैं घोटालों के सांप-बिच्छू!
भूगोलशास्त्रियों के अनुसार गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में फैली अरावली पर्वतमाला लगभग 65 करोड़ साल पुरानी है और यह भारत की ही नहीं बल्कि संसार की प्राचीनतम श्रेणियों में से एक है। पर, इस समय अरावली अपनी प्राचीनता की वजह से नहीं बल्कि अवैध खनन माफिया द्वारा हरियाणा के एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की हत्या के कारण चर्चा में है। पिछले लगभग 40 वर्षों से अरावली का जिस बुरी तरह से वैध और अवैध रूप से दोहन हुआ है उसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती। पत्थर के इस गौरखधंधे में बहुत बड़ी संख्या में लोग लूट रहे हैं। अरावली का सीना चीरने में नेता, ब्यूरोक्रेट, पुलिस, बदमाश और कॉमन मैन सभी शामिल हैं। घोटालों का यह कारनामा इतना बड़ा है कि इसको तीन-चार पेज की एक रिपोर्ट में समेटना लगभग असम्भव है। माफियाओं और सरकारों के अरावली को तहस-नहस करने के कारनामे लिखने के लिए तो महाग्रन्थ भी छोटा पड़ जाए! दरअसल जब तक राजनीतिक पार्टियां, सरकार व अफसरशाही आदि न चाहें तब तक अरावली रेंज को बचा पाना असंभव है। अब तो ऐसा लगने लगा है मानो सरकार और अफसरशाही अरावली पर्वतमाला को बचाना नहीं बल्कि मिटा