कोरोना संकट में हिंदी पत्रकारिता की भूमिका


30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस था। एनसीआर मीडिया क्लब ने इस मौके पर जो आयोजन किया, उसकी हर अखबार ने कवरेज की। 


इसके लिए सभी साथियों का तहेदिल से धन्यवाद।

कोरोना संकट में हिंदी पत्रकारिता की भूमिका अहम : अमित नेहरा

*एनसीआर मीडिया क्लब ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके शनिवार को मनाया हिंदी पत्रकारिता दिवस 


* उन मीडियाकर्मियों को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई, जो कोरोना संकट में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए विदा हो गये


गुरुग्राम, 30 मई : कोविड-19 महामारी के चलते आने वाले समय में देशवासियों को सही और सटीक सूचनाएं हिंदी के जरिए आसानी से दी जा सकती हैं क्योंकि पूरे भारत में इसे बोला और समझा जाता है। एनसीआर मीडिया क्लब के प्रेसिडेंट अमित नेहरा ने यह बात हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कही। एनसीआर मीडिया क्लब ने कोरोना की वैश्विक महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके शनिवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया। इस अवसर पर क्लब के अनेक पदाधिकारियों और सदस्यों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विचार व्यक्त किए। इस मौके पर क्लब ने कोरोना महामारी संकटकाल में हिन्दी पत्रकारिता के दायित्व पर चर्चा की। कार्यक्रम में उन मीडियाकर्मियों को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई, जो कोरोना संकट में भी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए हमसे विदा हो गये।

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क्लब के प्रेसिडेंट अमित नेहरा ने कहा कि आज पूरे विश्व के सामने कोरोना वायरस एक खलनायक के रूप में खड़ा है। इसकी अभी तक न तो कोई वैक्सीन है और न कोई दवा। इस बीमारी को सिर्फ जागरूकता से हराया जा सकता है। ऐसे में मीडिया की भूमिका अहम हो जाती है। चूँकि हिंदी पूरे भारत में बोली व समझी जाती है अतः इस दौरान हिंदी के पत्रकारों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सही सूचना देनी चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए। कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें पाठकों को इससे भी लगातार अवगत कराना होगा।

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उन्होंने कहा कि युगुल किशोर शुक्ल ने 1826 में आज के दिन ही हिन्दी के पहले समाचारपत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन आरम्भ किया था। 
क्लब के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट  प्रदीप डबास ने कहा कि आज का दिन हिंदी पत्रकारिता के लिए बहुत ही अहम दिन है। आज ही के दिन हिंदी भाषा के पहले समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन  कलकत्ता के कोलू टोला मोहल्ले की 37 नंबर आमड़तल्ला गली से शुरू हुआ। यह एक साप्ताहिक पत्र था। उन्होंने कहा कि जब-जब हिंदी पत्रकारिता की बात चलेगी तो उदन्त मार्तण्ड और युगुल किशोर शुक्ल को हमेशा याद रखा जाएगा।


एनसीआर मीडिया क्लब के जनरल सेक्रेटरी नवीन धमीजा ने कहा कि उस समय भारत में अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक अखबार निकल रहे थे, लेकिन हिंदी में कोई भी पत्र नहीं निकलता था। इसलिए उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन शुरू किया गया। मगर अफसोस की बात है कि इसके कुल 79 अंक ही प्रकाशित हो पाए क्योंकि बाद में इस समाचार पत्र पैसे के अभाव में बंद करना पड़ा।

तब पाए थे । इसके बाद परिस्थितियां बदलीं और हिन्दी अखबारों ने समाज में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया। समाज और राजनीति की दिशा और दशा को  बदलने और सुधारने में आज इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।


वीडियो कांफ्रेंसिंग में वाईस प्रेसिडेंट सरोज अग्रवाल, ट्रेजरर राज वर्मा, संजय मेहरा, मनीष मासूम, अल्पना सुहासिनी, निदा अहमद, सीमा गिल, संजय राघव, अरविंद सैनी, महेश शर्मा, सीमा सैनी, मुकेश बघेल, पीसी गुप्ता, निर्मल चौहान, पवन नरवाल, रेनू कैलाश और प्रियंका सरकार सहित क्लब के अनेक पदाधिकारियों और पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

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फोटो  : अमित नेहरा, प्रदीप डबास, नवीन धमीजा, सरोज अग्रवाल, राज वर्मा, अल्पना सुहासिनी और संजय मेहरा।

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