अहलावत जाट और दो लाख की खाट : ठाठ ही ठाठ
Right Click is disabled for the complete web page.
गाँव डीघल (रोहतक) के टोल टैक्स प्लाजा पर अहलावत खाप द्वारा किसान आंदोलन में समर्थन में धरना चल रहा है। वैसे तो यह धरना पिछले साल नवम्बर से जारी है लेकिन 25 सितम्बर 2021 की रात के 9.30 बजे यहाँ एक ऐसा अजूबा आया है जिसको देखने और उस पर बैठने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। ये अजूबा है 5 क्विंटल वजनी यानी 500 किलोग्राम भारी पलँग(एक बड़ी खाट), जो वाकई अजूबा ही है। इस धरनास्थल पर आने वाला हर कोई शख्स इस पलँग पर बैठने को और इसका फोटो खींचने को बेताब है। आज सुबह मैं यहाँ से गुजर रहा था तो बस यूँ ही इस धरने का जायजा लेने के लिए गाड़ी रोकी तो अकस्मात ही इस भीमकाय पलँग के दर्शन हो गए।
ये पलँग 5 क्विंटल वजनी है, 12 फीट लम्बा है और शीशम की लकड़ी के बने इसके चारों पाये 4 फीट ऊँचे हैं। जमीन से पलँग पर बैठने की ऊँचाई ही साढ़े तीन फीट है। किसी नाटे कद के व्यक्ति को इस पर बैठने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ये महाकाय पलँग साढ़े छह फीट चौड़ा है। इस पर 15 से 20 आदमी आसानी से बैठ सकते हैं।
असली कलाकारी तो इसकी भराई में दिखाई देती है जिसमें सन, पटसन, सूत, नायलॉन की 20 से भी ज्यादा रंगों की महीन रस्सियों का उपयोग किया गया है। इन रंगीन रस्सियों से पलँग के बीचों-बीच चौपड़ बुनी गई है। सिरहाने की तरफ इन्हीं रस्सियों से देवनागरी लिपि में अहलावत खाप लिखा गया है। पांदों (पिछला हिस्सा) में भी रंगीन रस्सियों से 'किसान', 'आंदोलन' और 'डीघल' लिखा स्पष्ट दिखता है। इस विशाल पलँग की खूबसूरती इसके पायों के चलते देखते ही बनती है। चारों पायों पर पीतल की गजब एसेसरीज लगाई गई है जो देखने वाले के मन को बरबस मोह लेती है।
इस पलँग को डीघल गाँव के तस्वीर सिंह अहलावत ने हाँसी कस्बे के कारीगर भगत राम से बनवाया है। इसे बनवाने में दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं और यह पूरे दो महीने की मेहनत से बनकर तैयार हुआ है। फिलहाल यह पलँग डीघल गाँव के पास टोल टैक्स प्लाजा के पास अहलावत खाप के चल रहे धरने की शोभा बढ़ा रहा है।
जब आंदोलन पूर्ण हो जायेगा तो इस पलँग का क्या होगा? इस सवाल पर यहाँ धरने पर बैठे अहलावत खाप के बुजुर्ग कहते हैं कि उसके बाद यह पलँग तस्वीर सिंह अहलावत के प्रस्तावित फार्म हाउस पर किसान आंदोलन की निशानी के तौर पर रखा जायेगा। तब तक इसको देखने, इस पर बैठकर फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने वालों का क्रेज बना रहेगा।
क्या वाकई इस पलँग का क्रेज बना रहेगा? इसका जवाब इस पलँग के पास बिछे इसी तरह के लेकिन अपेक्षाकृत छोटे पलँग के पास है। कल तक यही छोटा पलँग लोगों के आकर्षण का केंद्र था। ये पलँग भी भगत राम ने बनाया था। क्या पता आने वाले किसी दिन ये बड़ा पलँग भी छोटा हो जाये। किसान, खासकर जाट के दिमाग को समझना, इस तरह के पलँग की बुनावट की तरह जटिल और मुश्किल है। हो सकता है आने वाले समय में यहां इससे बड़ा पलँग भी देखने को मिल जाये।
अहलावत खाप जाट गौत्र की मजबूत खापों में से एक है, इस विशाल पलँग में भी उस मजबूती का प्रतिबिंब दिखाई देता है।
इस भीमकाय पलँग के कुछ फोटो पोस्ट के साथ संलग्न कर रहा हूँ, वैसे तो फोटो से इसकी विशालता और खूबसूरती का ज्यादा पता नहीं चलता मगर थोड़ा-बहुत आईडिया तो हो ही जायेगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक, लेखक, समीक्षक और ब्लॉगर हैं)
अमित नेहरा
सम्पर्क : 9810995272
amitnehra007@gmail.com
copyright©2021amitnehra All rights reserved
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें