संदेश

भारत जोड़ो यात्रा

चित्र
  बें गलुरु शहरी जिले की एक विशेष अदालत ने 7 नवम्बर 2022 को आदेश दिया कि बगैर अनुमति के एक फिल्मी गीत को कांग्रेस द्वारा इस्तेमाल के कारण उसका ट्विटर अकाउंट व भारत जोड़ो यात्रा की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया जाए। गौरतलब है कि, कांग्रेस पार्टी पर आरोप है कि उसने केजीएफ-2 के एक गाने का इस्तेमाल कर कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया है। इसे लेकर एमआरटी म्यूजिक ने कोर्ट में मामला दायर कर दिया था। कंपनी की याचिका पर सिविल कोर्ट ने आनन फानन में भारत जोड़ो अभियान की वेबसाइट और कांग्रेस के ट्विटर खाते पर रोक का आदेश दे दिया। यही नहीं राहुल राहुल गांधी समेत तीन लोगों पर आपराधिक मामला भी दर्ज करा दिया गया। एमआरटी म्यूजिक कंपनी ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, जयराम रमेश और सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ धारा 403 (संपत्ति की बेईमानी से हेराफेरी), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 120 धारा 403, 465 और 120बी आर/डब्ल्यू धारा 34 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के तहत और धारा 63 कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत मामला दर्ज कराया।  जैसे ही यह ख़बर आई, लगभग तमाम टीवी चैनलों ने इसे ब्र

सोलिलादा सरदारा क्या वाकई में सोलिलादा साबित होंगे?

चित्र
शायद आप लेख का शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे! चौंकना लाजमी भी है क्योंकि इसमें कन्नड़ शब्दावली का प्रयोग किया गया है। दरअसल नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कन्नड़ उपनाम 'सोलिलादा सरदारा' है जिसका हिंदी में अर्थ है 'बिना हार के नेता'। यह उपनाम काफी हद तक उचित भी है। क्योंकि 80 वर्षीय इस दिग्गज नेता ने 2019 में एक बार को छोड़कर, अपने पूरे जीवनकाल में कोई चुनाव नहीं हारा है! Chanakya Mantra November 2022 Edition खैर, इससे यह पता तो चल जाता है कि वे अपनी राजनीतिक पारी में काफी हद तक अजेय रहे हैं और अपनी पार्टी व अपने मतदाताओं पर उनकी पकड़ बेमिसाल रही है। इस बार भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के चुनाव में उन्होंने अपने से कहीं युवा व आकर्षक व्यक्तित्व के धनी शशि थरूर को 1072 के मुकाबले 7897 वोटों से हरा दिया। वे 24 वर्षों में नेहरू गांधी परिवार के बाहर पहले कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं। खड़गे 1968 में एस निजलिंगप्पा के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता हैं जो पार्टी के शीर्ष पद पर आसीन हो ।  मुझे मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने

आम आदमी पार्टी का गुजरात अभियान-क्या बन पाएगी प्रदेश की खास पार्टी

चित्र
Chankaya Mantra October 2022 Edition गुजरात में साल 2013 में आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई का गठन हुआ और उसने राज्य के 2017 विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमाई, लेकिन उसका कोई भी कैडिंडेट जमानत नहीं बचा सका। इस विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 182 सीटों में से भाजपा को 99 व कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं, अन्य के हिस्से में छह सीटें आई थीं। जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को इस चुनाव में केवल 0.1 परसेंट ही वोट मिले थे और सभी सीटों पर जमानत जब्त करवा ली।  लेकिन 2020 में आप पार्टी के प्रदेश संगठन का पुनर्गठन किया गया, इसके बाद 2021 के निकाय चुनाव में सूरत नगर निगम की 120 सीटों में से 27 सीटें जीत कर आप ने सूरत में कांग्रेस को पीछे छोड़कर इतिहास रच दिया। इसी दौरान उसने गांधीनगर नगर निगम में भी एक सीट जीत ली। नगर निगम चुनावों की सफलता से उत्साहित आप ने गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में यहां पर अपना जोर बढ़ाना शुरू कर दिया है। पंजाब विधानसभा चुनाव में क्लीन स्वीप के बाद आम आदमी पार्टी ने दूसरे राज्यों में प्रसार की कोशिशें तेज कर दी हैं। अब आप की

क्या है भाजपा के मिशन 2024 की रणनीति

चित्र
राहुल गांधी समेत कांग्रेस के 119 नेताओं ने 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की औपचारिक शुरुआत की, यह पदयात्रा कन्याकुमारी से 3570 किलोमीटर को दूरी तय करके कश्मीर तक जाएगी। यात्रा कुल 150 दिनों यानी पांच महीनों में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी। राहुल गांधी की इस यात्रा को बिखरने के कगार पर पहुँच चुकी कांग्रेस में प्राण फूँकने की कवायद कहा जा रहा है। उधर, राहुल गांधी की इस भारत जोड़ो यात्रा अभियान से भाजपा भी बेख़बर नहीं थी। कहने को तो भाजपा नेता बेशक यह कहते रहें कि इस यात्रा से उन पर या उनकी पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला लेकिन कड़ियों को सिलसिलेवार जोड़ा जाए तो पता चलता है कि भाजपा राहुल गांधी के इस 'इवेंट' को बेहद सीरियसली ले रही है। यही वजह है कि भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने से ठीक एक ही दिन पहले यानी 6 सितंबर 2022 को नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में भाजपा की एक अहम बैठक हुई। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ देश की उन 144 लोकसभा

केंद्रीय जांच एजेंसियों के संगीनों के साये में विपक्ष

चित्र
देश के वर्तमान हालातों को देखकर किसी ने कमेंट किया कि ईडी (इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ), सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन), इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट (आईटी) आदि सभी जांच एजेंसियों को देश के हर घर में छापा मारना चाहिए ताकि पता चल सके कि आखिर इतनी महंगाई के बावजूद आम जनता का घर कैसे चल रहा है ? बेशक यह व्यंग्यात्मक टिप्पणी अतिश्योक्ति लगती हो मगर यह कड़वी सच्चाई है कि कमरतोड़ महंगाई के कारण आम जनता का जीना मुहाल हो गया है। दूसरी तरफ ये केंद्रीय जाँच एजेंसियां धड़ाधड़ छापेमारी करके कथित रूप से हजारों करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित सम्पत्तियों का खुलासा कर रही हैं। मगर विपक्ष है कि इन छापेमारियों में बड़ा झोल बता रहा है और केन्द्र सरकार पर हमलावर हो रहा है। इन जाँच एजेंसियों के बारे में विपक्ष जिस तरह बयानबाजी कर रहा है उससे लगता है कि इन एजेंसियों द्वारा राजनीतिक हित साधने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। इस समय केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और एनडीए सरकार में शामिल दलों को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक पार्टियां ईडी, सीबीआई और आईटी एजेंसियों के दुरुपयोग की शिकायत क

Topics

ज़्यादा दिखाएं

Share your views

नाम

ईमेल *

संदेश *